अनेक प्रकार के ग्रहों का सुप्रभाव और कुप्रभाव मानव के शरीर और मन पर पड़ता है, जिससे व्यक्ति समयानुसर अपना कार्य संपन्न नहीं कर पाता। वह शरिरक और मानसिक रोगों से पीड़ित रहता है। इसके अतिरिक्त स्थान, वातावरण, घर के निर्माण में आए हुए वास्तु दोषों का भी परिवार पर प्रभाव पड़ता है।जिसके कारण स्वयं व्यक्ति परेशान रहता है और परिवार के अनेक सदस्य भी चिंतित रहते है।
ज्योतिष, वास्तु और आयुर्वेद में ग्रह नक्षत्रों के दुष्प्रभावों का उल्लेख मिलता है। यदि ग्रह और नक्षत्र शांत है तो व्यक्ति और परिवार सुख समृधि से परिपूर्ण होता है।
इस पुस्तक के माध्यम से ग्रह, नक्षत्रों और वास्तु दोषों के कुप्रभाव से बचने के लिए शास्त्रोक्त उपायों को अपनाकर व्यक्ति इसका लाभ उठा सकतें है।
295
@copyrights all reserved The Readers Paradise Design By www.cypwebtech.com