नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू हो जाना सचमुच सरकार की ऐतिहासिक जीत है । निश्चित रूप से इस संशोधन विधेयक के कानून बनने के पश्चात् उन लाखों - करोड़ों हिंदुओं को राहत मिलेगी जो पाकिस्तान , बांग्लादेश और अफगानिस्तान से अल्पसंख्यक के रूप में उत्पीड़ित होकर वहां से भागकर भारत आये हैं । स्पष्ट है कि इन लोगों का भारत आने का उद्देश्य केवल यही था कि उन्हें भारत अपनी पितृभूमि और पुण्यभूमि दिखाई पड़ता है । उन्हें लगता है कि संसार में यदि कोई देश ऐसा है जो उन्हें शरण दे सकता है तो वह केवल भारत ही है । इन लोगों का भारत की ओर ही आना यह भी स्पष्ट करता है कि उनका हिंदुस्तान से या भारतवर्ष से अंतरंग प्यार भी है । अपने इस अंतरंग प्यार के कारण ही ये लोग भारत में किसी भी प्रकार की अराजकता फैलाने या उग्रवादी घटनाओं के माध्यम से देश को अस्थिर करने की घटनाओं में कहीं भी संलिप्त नहीं मिलते ।
अनुक्रमणिका: पूर्वपीठिका नागरिकता का सामान्य परिचय नागरिकता की अवधारणा भारतीय संविधान में नागरिकता किन देशों में निवेश करके वहाँ की नागरिकता हासिल कर सकते हैं ? नागरिकता विषयक धारणाओं का विकास : चार ऐतिहासिक काल नागरिकता संबंधी आधुनिक धारणाएँ : 19 वीं व 20 वीं सदी का घटनाक्रम उदारवादी सामाजिक व्यवस्था का महत्त्व एवं सीमाबद्धता नागरिकता समानता और विकास नागरिकता ( संशोधन ) विधेयक , 2016, नागरिकता संशोधन कानून की पड़ताल समान नागरिकता कानून 121 नागरिकता संशोधन कानून 2019 और विवाद, नागरिकता संशोधन अधिनियम : अनावश्यक विरोध, क्या धर्म के आधार पर अंतर करना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता कानून पर रोक लगाने से क्यूँ किया इनकार, नागरिकता संशोधन बिल पर फैलाई जा रही झूठी अफवाह, यदि हर यहूदी इजरायल का नागरिक हो सकता तो हर हिंदू भारत का नागरिक क्यों नहीं ... मानवता का ठौर भारत, गृह मंत्री अमित शाह का संसद में वक्तव्य हम भी देखेंगे ! साल 2003-2014 के बीच पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, सारांश, पूर्वोत्तर और नागरिकता संशोधन अधिनियम नागरिकता ( संशोधन ) एक्ट ( CAA ) , राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर ( NRC ) से किस तरह भिन्न है ? राष्ट्रीयता और नागरिकता के बीच अंतर
ISBN 9788194861737
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