प्रस्तुत पुस्तक आचार्य चाणक्य को भारतीय प्रबंधन गुरु के पद पर प्रस्थापित करने का शोध आधारित प्रयत्न है। प्रबंधन क्षेत्र की पहचान करके वर्गीकरण किया गया है। वर्तमान समस्या का कथन किया गया है। उस समस्या का समाधान कौटिल्य अर्थशास्त्री, चाणक्य नीति तथा चाणक्य सूत्र में कहाँ उपलब्ध है। वर्तमान जगत में उसकी क्या प्रासंगिता है। यह प्रस्तुतिकरण प्रदर्शनीय पोस्टर के सामग्री के रूप में किया गया है।
यह पुस्तक प्रबंधन तथा प्रशासन , शासन के विद्यार्थियों, शिक्षकों , शोधकर्ताओं , प्रबंधकों , प्रशासकों, नीति निर्धारकों व जान साधारण सभी के लिए उपयोगी है। वे प्राचीन भारत के प्रबंधन एवें प्रशासन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान का परिचय पाकर भारत की सांस्कृतिक धरोहर का गौरव अनुभव कर सकेंगे।
ISBN 9789389055146
695
@copyrights all reserved The Readers Paradise Design By www.cypwebtech.com