यह मत देखो जीवन क्या है?
यह देखो जीवन क्या हो सकता है?
क्या आज़ादी के सपने पूरे हुए?
यदि नहीं तो क्यों?
ज़िम्मेदार कौन?
भारत की राह पश्चिमी दुनिया की अनुकृति नहीं होना चाहिए क्योंकि वैसा करने से भारत की आत्मा खो जाएगी और उसे खोकर वह बच नहीं पाएगा।अपने और विश्व की हित में इसका प्रतिकार करना चाहिए। - महात्मा गांधी
ISBN: 9789391109042
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