जब दर्द भी कराह उठा ,बचपन की शरारते ,साइकिल का शोक ,माँ का आशीर्वाद ,यादें पडोसी की ,कहानी ख़ुशी ,नारी ही दर्द नारी का ,समाया ही दिख्लाये संसार ,काश ! ऐसा न होता ,दोस्ती का महत्त्व
ISBN: 978-81-933354-7-5
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